सारंगढ़। (वायरलेस न्यूज) सारंगढ़ अंचल के महानदी पर बने मिरौनी बैराज में अचानक पानी छोड़े जाने से 11 मछुआरे बाल-बाल बच गये। पासीद के मछुवारा समिति ने सिंचाई विभाग के लापरवाह अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए बताया कि इस अचानक गेट खोलने से लगभग साढ़े तीन लाख रूपये का नुकसान का दावा करते हुए मुआवजा की मांग किया है। पासीद मछुआरा समिति ने आरोप लगाया है कि रेत खनन ठेकेदारो को फायदा पहुचाने के लिये बैराज का गेट को खोला गया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पासीद के मछुवारो ने आज उच्चाधिकारियो को ज्ञापन सौपकर मिरौनी बैराज से पानी छोड़ने से 11 मछुआरो की जान से खिलवाड़ की जानकारी प्रदान किया। मछुआरा समिति के सदस्यो ने बताया कि सारंगढ़ के कोसीर अंचल के महानदी पर बना मिरौनी बैराज के पास उनके द्वारा लगातार मछली के लिये जाल बिछाकर अपना जीवन यापन करते आ रहे है। उन्होने बताया कि 13 अक्टूबर को रात को लगभग 9 बजे मिरौनी बैराज का लगभग आठ से नौ गेट को अचानक खोल दिया गया।
जबकि पहले गेट खोलने के पूर्व सूचना दिया जाता था किन्तु इस बार कोई सूचना तक नही दिया गया जिसके कारण से मछली मारने के काम में लगा 7 नाव महानदी मे बह गया साथ ही मछली मारने का जाल भी बह गया। ग्रामवासियो ने बताया कि वे सभी पासीद के मछवारा समिति के पंजीकृत सदस्य है शासन के नियमानुसार उनके द्वारा ग्राम पासीद के महानदी में मछली पकड़ने हेतु जाल लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं। 13 अक्टूबर की रात्रि लगभग 09 बजे मिरौनी बैराज जल संसाधन विभाग द्वारा आचानक मिरॉनी बैराज बांध का सात- आठ गेट को खोल दिया गया जिसके कारण पानी के तेज बहाव से हमारे पासीद महानदी में लगाये गये लगभग एक लाख त्रिसठ हजार रूपये के जाल एवं सात नग मछली पकड़ने का नाव लगभग एक लाख पचहत्तर हजार रुपये तेज गति के पानी में बह गया। मिरौनी बैराज के सात-आठ गेट को खोल देने से पानी के तेज बहाय में 11 मछुवारा भी बुरी तरह से फंस गये थे लेकिन गांव वालों के सहयोग से किसी तरह वे अपने जान को बड़ी मुश्किल से बचा पाये इस प्रकार बिना किसी प्रकार का सूचना दिये मिरौनी बेराज जल संसाधन विभाग द्वारा सात-आठ गेट को खोल देना घोर लापरवाही की परिधी में आता है।