शाला प्रवेशोत्सव में तिलक चंदन के बाद अब हाथ में झाड़ू

अकलतरा ( सीता टंडन वायरलेस न्यूज़) अकलतरा सहित पूरे प्रदेश में स्कूल खुल गये है और बच्चे नयी कक्षा, नयी किताबें , नया गणवेश और नया बस्ता मिलने के उत्साह से भरे भरी बरसात में भी स्कूल पहुंच रहें हैं लेकिन स्कूल में शिक्षक बेमन से ही सही पर वो भी समय पर स्कूल पहुंच रहें हैं लेकिन वही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को शायद बुलाया नहीं गया या उनका नये कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई या जो भी अन्य कारण होंगे पर सफाई कर्मचारी नहीं होने के कारण नौनिहालों और भारत के आने वाले भविष्य के हाथो में झाड़ू पकड़ा दिया है । बताया जा रहा है कि कुछ जनप्रतिनिधि स्कूल का निरीक्षण करने जब पहुंचे तो देखा कि बच्चों के हाथो में झाड़ू था और वे स्कूल की सफाई करने में लगे थे शिक्षकों ने बताया कि सफाई कर्मचारी नहीं आये है और स्कूल में कचरा था जिसे साफ करना जरूरी था क्योंकि कचरे में बैठकर पढ़ा नहीं जा सकता है इसलिए बच्चों से ही साफ करने बोला गया था।

युक्तियुक्तकरण में सफाई कर्मचारी का युक्तियुक्तकरण क्यों नहीं

पूरे प्रदेश भर में युक्तियुक्तकरण नीति लागू की गई जिससे सभी स्कूलों में शिक्षकों का समान वितरण हो और संतुलन बना रहे युक्तियुक्तकरण नीति के विरोध में मध्यान्ह भोजन कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों ने ज्ञापन दिया लेकिन उनकी सुनी नहीं गई । बताया जाता है कि नियमित भृत्य की व्यवस्था हाईस्कूल में तो है लेकिन प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में आज भी नियमित पद भृत्य के नही है जिसके कारण स्कूल प्रबंधन द्वारा कलेक्टर दर पर अंशकालीन सफाई कर्मचारी रखें जाते हैं जो सुबह शाम स्कूल में झाड़ू लगाकर सा़फ सफाई कर देते हैं और स्कूल खुलने के पूर्व ही सफाई व्यवस्था, बिजली पानी और अन्य आवश्यक चीजें कर ली जाती है जिससे बच्चों में कोई तकलीफ़ पढ़ाई में बाधा न बन सके लेकिन फिर भी कुछ स्कूल और कुछ शिक्षक प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली पर चलते हुए आरुणि गुरुभक्ति चाहते हैं भले ही वे खुद आचार्य सांदीपनी नहीं बन सकते हो ।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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