कान्हा तिवारी/
जांजगीर चाम्पा – प्रतिष्ठत समाज सेवी पं राघवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि कोरोना मुक्त भारत के निर्माण के लिये शासन प्रशासन द्वारा जारी गाईडलाईन का पालन करना हम सबका दयित्व है लेकिन लाक डाऊन के नाम पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निर्दोष जनता की बेरहमी से पिटाई करने की निति का समर्थन नही किया जा सकता है । श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि सुरजपुर कलेक्टर द्बारा युवक की पिटाई के बाद अब एसडीएम और टीआई द्वारा भी लोगों की पिटाई का विडियो सामने आ रहा है । श्री पाण्डेय ने कहा कि हालांकि लाक डाऊन के नाम पर लोगों की पिटाई का मामला छत्तीसगढ़ में कोई नई बात नही है जो मुख्यमंत्री जी क्षुब्ध है और निंदा कर रहे हैं । इससे पहले भी वर्ष 2020 में लाक डाऊन के नाम पर जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान के निर्देश पर युवा व्यपारी और युवाकांग्रेस के पुर्व अध्यक्ष की खुन से लतपथ होते तक जमकर पिटाई की गई थी । लाक डाऊन 02 में भी चर्चित एसडीएम का कहर जारी है । श्री पाण्डेय ने कहा कि ये क्या हो रहा है छत्तीसगढ़ में ? हाथ में दवा की पर्ची लेकर मेडिकल स्टोर्स जा रहे लोगों को भी लाक डाऊन के नाम पर बेरहमी से पिटा जा रहा है । श्री पाण्डेय ने कहा बेहतर होगा कि अधिकारी 18+ के वेक्सीनेसन की निति पर ध्यान दें । पं राघवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा कि, “सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक के साथ दुर्व्यवहार का मामला उनके संज्ञान में आया है। यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।” मुख्यमंत्री ने लिखा, “किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। इस घटना से क्षुब्ध हूं और मैं नवयुवक और उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूं।”
प्रतिष्ठत समाज सेवी पं राघवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि सीएम साहब हम रणबीर शर्मा का समर्थन नही करते है लेकिन कलेक्टर सूरजपुर का आचरण निंदनीय था आप क्षुब्ध थे । तो क्या जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान भूपेश सरकार का मान बढ़ा रही है जो पिछले एक वर्ष में भी आपने एसडीएम प्रधान के आचरण को संज्ञान में नही लिया है । सवाल तो बनता है ?

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Amit Mishra - Editor in Chief
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