छपरवा के एसडीओ प्रहलाद यादव और रेंजर ठाकुर के रेंज में मार्च माह में भी बायसन और चीतल का शिकार हुआ था, कहीं बाघ का तो नही?

बिलासपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज़) सूत्रों के हवाले से एक गम्भीर खबर वायरलेस न्यूज़ के हाथ लगी है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में पिछले चार दिनों से एक टाइगर छपरवा रेंज के एक नाले के पास बुरी तरह अवस्था में बैठा हुआ है , मौके की गम्भीरता को समझ बिलासपुर से लेकर राजधानी वन मुख्यालय तक आग की तरह पहुंच चुकी है लेकिन बाघ के घायल की बात को अधिकारी पृरी तरह दबा कर रखे हैं। जिसको लेकर आनन फानन में पूरा वन अमला चुपके से आज 3 बजे एटीआर पहंच रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। देर शाम तक अधिकारियों की टीम वापस नही पहुंची है।हालांकि हमने डीएफओ शर्मा को भी मोबाइल से सम्पर्क करते रहे घण्टी भी बजती रही मगर उन्होंने फोन रिसीव भी नही किए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एटीआर में बाघ के घायल होने की खबर विलम्ब से वन मुख्यालय पहुंचा है जबकि बाघ पिछले चार दिनों से नाले का पास बुरी तरह घायल अवस्था मे एक ही जगह पर बैठा है । इस बात की जानकारी भी छपरवा में पदस्थ रेंज अफसर हितेश ठाकुर को भी विलम्ब से मिला छपरवा के निवासियों ने खबर दी तब उन्हें पता चला तब तक 3 दिन ब्यतीत हो चुका था।प्रथम दृष्टया में रेंज अफसर और एसडीओ प्रह्लाद यादव को दोषी माना जा सकता है ? दोनो अधिकारी अपने मुख्यालय में कई दिनों से नदारद बताए जा रहे थे और तो एसडीओ प्रह्लाद यादव अपने प्रमोशन की गणित में वन मंत्री के पास पिछले 3 दिनों से रायपुर में गुनताड़ में लगे है ज्ञात हो कि गत मार्च महीनों में इसी प्रहलाद यादव के रेंज में बायसन ओर चीतल का भी शिकार हुआ था ?
एटीआर के डीएफओ श्री शर्मा को जैसे ही बाघ के घायल होने की जानकारी मिली तत्काल उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराई। रायपुर में वन मुख्यालय में बाघ के घायल होने की सूचना से पूरा तंत्र हिल गया ! तब आनन फानन में
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्री नरसिम्हा राव ने कान्हा किसली नेशनल पार्क के डॉक्टरों की टीम, और रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर श्री वर्मा , उदंती टाइगर रिजर्व के सीसीएफ राजेश पांडेय, के साथ साजो सामान ट्रंकलाइजर गन , पिंजड़ा, स्ट्रेचर लेकर आज 3 बजे अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंच रेस्क्यू के काम में लगे हुए है। अभी तक यह जानकारी नही मिल पाई है कि बाघ आखिर में घायल कैसे हुआ है, बाघ कहीं वृद्धवस्था में तो नही पहुंच गया, अथवा कहीं कोई बाघ का शिकार करने का प्रयास तो नही किया ,या दो बाघ का आपस में झगड़ा तो नही हुआ ? ये सब शंकाएं तभी दूर हो पाएगी जब अधिकारियों से हमारी बात हो सकेगी ? हालांकि न्यूज़ बनाने तक एटीआर से टीम वापस नही लौटी है। लेकिन मामला बहुत ही गम्भीर बना है!

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Amit Mishra - Editor in Chief
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