(.पुष्पेन्द्र श्रीवास वायरलेस न्यूज़ की रिपोर्ट.) कोरबा। ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के आव्हान पर ढेलवाडीह-सिंघाली-बगदेवा परियोजना अंतर्गत गोदग्रामो की विभिन्न समस्याओं को लेकर अरदा चौक से ढेलवाडीह तक भुविस्थापित किसान हुंकार रैली निकालकर प्रदर्शन के साथ सीएमडी के नाम ज्ञापन सौपेंगे।

उक्ताशय की जानकारी कोरबा क्षेत्रीय संयोजक गजेंद्र सिंह ठाकुर ने दी । उन्होंने बताया है कि विगत वर्षो में यहां पर डी-पिलरिंग एवं माइनिंग के कारण जमीन धसने तथा होल बनने की घटना हो चुकी है । दर्जनों किसानों की कृषि भूमि सहित मकानों में दरार ,बोर और कुंआ क्षतिग्रस्त हो चुका है । ऐसे किसानों को आज पर्यंत तक क्षति पूर्ति मुआवजा राशि का भुगतान भी नही किया गया है । भूमिगत खदान के दुष्प्रभाव से जल स्रोत काफी नीचे चले जाने से पेयजल निस्तार और कृषि कार्य को भारी नुकसान हुआ है । जिसके कारण कृषि क्षेत्र में मिलने वाली रोजगार और आय का जरिया छीन गया है जिसके कारण आद्योगिकरण होने के बावजूद उनका जीवन का स्तर में कोई सुधार नही आया । बेरोजगार युवाओं के पास विकल्प नही होने से अपराध की ओर आकर्षित हुए हैं । अपनी इन्ही समस्याओ के निराकरण की मांग पर कई बार आवेदन देते थक चुके ग्रामीणों ने अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का मन बना चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि सिंघाली परियोजना के लिये जमीन अधिग्रहण करने के बाद 276 खातेदारों को रोजगार के लिये जिला प्रशासन ने पात्र घोषित किया था किन्तु एसईसीएल द्वारा रोजगार उपलब्ध कराने में आनाकानी करने के कारण लगभग 25 वर्ष पहले लंबी आंदोलन भी चला था और अभी तक उसका नतीजा नही आया है और उस समय के आवेदक अब नौकरी की उम्र भी पार कर चुके हैं यहां तक की उनको मुआवजा प्रदान भी नही किया गया है । इस क्षेत्र में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत दी जाने वाली सुविधाओं को नही दिया गया । ऐसे सभी मांगो को लेकर 25 अक्टूबर को एकबार पुनः आंदोलन छेड़ी जा रही है।

▪️ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री सपुरन कुलदीप ने कहा है कि एसईसीएल के सभी क्षेत्रों की समस्याओ की निराकरण की मांग पर पिछले 3 अक्टूबर से शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू किया गया है । दीपका गेवरा और कुसमुंडा क्षेत्र में इसे लेकर आंदोलन चल रहा है अब कोरबा क्षेत्र में भी इसका विस्तार किया जा रहा है । एसईसीएल अपनी सभी जिम्मेदारी से भाग रही है हम लोंगो को उनका वाजिब अधिकार दिलाने के लिए संकल्पित हैं।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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