बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) मोपका के जिस फ़र्जीवाड़ा भोंदूदास केश में बिल्डरों भू मफ़ियाओं के हिसाब से काम करने से मना करने वाले पटवारी कौशल यादव को ही निलम्बित कर दिया गया। जबकि भोंदूदास केस में बिक्री नक़ल जारी करने वाले झूठा फ़र्ज़ी नामांतरण पारित करवाने वाले तहसीलदार रमेश मोर, तहसीलदार नारायण गवेल और पटवारी अशोक जायसवाल , अमित पांडेय को अभयदान दिया गया। बता दें कि किसी भी दस्तावेज में कौशल यादव पटवारी का हस्तक्षर नहीं है। और पूरे केश पटवारी कौशल यादव के मोपका पदस्थापना के पहले का है। और जिन लोगों ने दस्तावेज बनाए हैं उन पर आज तक कोई करवाही नहीं किया गया। मोपका का ही खसरा नंबर ९९२ निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ का जंगल है तो प्रश्न यह है कि किस आइएएस ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों से बाहर जाकर इसका डायवर्सन कर दिया। ज़िला कार्यालय भू अभिलेख शाखा में फ़र्ज़ी डायवर्सन का भरमार है। इस पर जरा कलेक्टर साहब ध्यान दें। चिल्हाटी के भोंदूदास के ख़सरा नम्बर २२४ का नामांतरण करने वाले तहसीलदार पटवारी पर कोई गाज नहीं गिरा। जबकि इस मामले को विधानसभा में विधायक शैलष पांडेय जी ने अभी उठाया भी है।
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