रायपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज़) छत्तीसगढ़ में हाल ही आयकर की एक बड़ी कार्यवाही के बाद कोरोना काल मे छत्तीसगढ़ के निजी चिकित्सालयों के द्वारा बड़े पैमाने पर अनाप शनाप बिलिंग की गई थी उस पर आयकर विभाग की नजर रही है , उच्चस्तरीय सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर एक दर्ज़न से ज्यादा निजी चिकित्सालयों पर आयकर की रेड पड़ने वाली हैं। जिसमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जगदलपुर, रायगढ़ सरायपाली कोरबा के कई निजी हॉस्पिटल इनके राडार पर है।
सर्वत्र विपदा की घड़ी में विपत्ति में फंसे परिवार कोरोना पीक के समय डॉक्टर हॉस्पिटल को भगवान से कम नही समझ रहे लोगों को छत्तीसगढ़ के विभिन्न प्राइवेट हॉस्पिटल अपने भक्तों को लूटने में कोई भी मौका हाथ से जाने नही दे रहे थे, जिसकी शिकायत लगातार छत्तीसगढ़ के कई जिला प्रशासन को प्राप्त हो हुई थी और प्रदेश के कई कलेक्टरों ने इस पर कार्यवाही भी की थी , इसी तारतम्य में चांदी काटते छत्तीसगढ़ के एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटलों पर केंद से मिले निर्देश पर उस समय से आयकर विभाग की नजर गड़ाए हुए था। जिसमें बिलासपुर -रायगढ़ के 3-3 हॉस्पिटल भी शामिल होने की पुष्टि विभाग के उच्चपदस्थ सूत्रों से प्राप्त हुई है।
नही डाक्टरों को भगवान का रूप माना जाता है, इसलिए कि वे लोगों का जीवन बचाते हैं, पर छत्तीसगढ़ में प्राइवेट अस्पताल वालों ने कोरोनाकाल में डाक्टरों की नई छवि लोगों के सामने पेश कर की थी। प्राइवेट अस्पताल वाले सेवा को धंधे में बदल दिया और कुछ निजी चिकित्सालयों ने लोगों की जेबें ढीली करना ही अपना धर्म मान लिया था। सरकार ने लोगों को निजी अस्पतालों और जाँच केंद्रों के प्रहार से बचाने के इलाज और जांच की दरें भी तय कर देने के बाद भी अनाप शनाप मरीजों से बिल की उगाही की गई। संकट की घडी में सरकार द्वारा तय दरें भी लोगों को उन दिनों भारी लग रहा था, फिर भी अपनों को बचाने के लिए लोग मन मारकर और दुख झेलकर व्यवस्था कर रहे थे। लेकिन प्रदेशभर के कई निजी अस्पताल सरकार की दरों को नहीं मान रहे थे या फिर सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर इलाज कर भी रहे हैं तो मरीजों का कान दूसरी तरफ से पकड़ रहे थे। दूसरी तरह की जाँच और इलाज के नाम पर मरीज के परिजनों को मोटा बिल थमा गया था। आम लोगों के लिए उन दिनों कोरोनकाल कहर बनकर टूट पड़ा था। पर प्राइवेट अस्पतालों और कालाबाजारी करने वालों के लिए तो यह सुनहरा अवसर बनकर आया है। इन सबके बाद भी प्राइवेट अस्पतालों में पैर रखने को जगह नहीं उन दिनों नहीं थी।इसलिए वे चांदी काट रहे हैं। कहते हैं कोरोनकाल में रायपुर के एक प्राइवेट अस्पताल के मालिक ने इतना कमा लिया कि वह एक आलीशान शादी हाल खरीदने की दौड़ में शामिल हो गया । चर्चा है कि शादी हाल की कीमत 150 करोड़ के आसपास है।
वहीं रायगढ़ के विवाह मंडप को ही कोरोना हॉस्पिटल में तब्दील कर छककर मरीजों से लूट की और मरीज सबसे ज्यादा यही से मरने की खबर रही है।
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