बिलासपुर(वायरलेस न्यूज़ 7 सितंबर) सूरजपुर जिले के प्रतापपुर इलाके में मदन नगर सहित कई गांवों में एसईसीएल के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसमें कई प्रभावशाली लोगों को गलत तरीके से पिछली तारीख में सरकारी जमीन आवंटित कर देने की शिकायत आई है। इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अपने शुरुआती जवाब में सरकार की ओर से कहा गया है कि इसमें पटवारी की गलती है, जिसे निलंबित कर दिया गया है।

प्रतापपुर के संतोष कुमार टोप्पो ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा है कि 18 दिसंबर 2020 को जमीन अधिग्रहण की सूचना राजस्व अधिकारियों ने जारी की। इसके पहले ही राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर कुछ प्रभावशाली निजी लोगों ने सरकारी जमीन को अपने नाम रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया। यह सुनियोजित तरीके से पुरानी तारीख में दर्ज किया गया ताकि गड़बड़ियां सामने ना आ सके और एसईसीएल से मुआवजा राशि वसूल की जा सके।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कहा गया है कि पटवारी ने यह गड़बड़ी की है। चलते उसे निलंबित भी किया गया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान अब केंद्र शासन से भी जवाब मांगा है।

बताया जाता है कि जिन लोगों के नाम पर जमीन चढ़ाई गई उनमें एक मंत्री, एक एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी के रिश्तेदार शामिल हैं।