रायपुर(वायरलेस न्यूज़) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग कर कांग्रेस ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस बड़े फैसले के बाद अब इस सियासी हलचल का असर छत्तीसगढ़ में भी दिखाई देने लगा है। दरअसल यहां भी 16 जून के बाद से मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा जोरों पर है। हालांकि, पंजाब और छत्तीसगढ़ की परिस्थितियां कुछ अलग हैं। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू, कुछ मंत्री और विधायकों ने कैप्टन के खिलाफ बगावत की शुरुआत किया था। जबकि छत्तीसगढ़ में बगावत जैसी कोई बात नहीं है। यहां दो नेताओं के बीच राहुल गांधी के द्वारा किया गया कमिटमेंट ,ढाई-ढाई साल सीएम बनने की बात है, लेकिन कुल मिलाकर पंजाब के बाद अब सबकी निगाहे छत्तीसगढ़ पर आकर टिका, यहां भी मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा जोरों पर …..पढ़िये पूरी खबर मुद्दा मुख्यमंत्री बदले जाने का ही है।

जैसे ही पंजाब के मुख्यमंत्री बदले जाने की खबर छत्तीसगढ़ पहुंची है, यहां भी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस से जुड़े नेतागण ही यह कहने लगे हैं कि यदि हाईकमान ने पंजाब टाईप छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री बदलने का निर्णय ले लिया है तो हाईकमान एक-दो दिन में ही यहां भी बदलाव कर देगा। उनका मानना है कि यदि कहीं एक बार बड़ा फैसला लिया जाता है उसे दूसरे स्थान पर लागू करना आसान होता है। सूत्रों की अगर मानें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हाईकमान ने स्तिफा देने के लिए 24 घंटे का अल्टिमेटम दे दिया है । यह अल्टीमेटम कल सुबह 8.30 बजे ही सीधे फोन पर दे दिया है कल ही पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया था उनको शाम 4 बजे तक का टाईम दिया गया था । इस लिहाज से आज शाम तक भूपेश बघेल के भी स्तिफा दिए जाने की अटकलें तेज हो गई है।

2018 चुनाव के बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी तभी से एक कमिटमेंट के तहत फार्मूले की बात हुई। इसके तहत भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे ऐसा राहुल गांधी जी के द्वारा कहा गया था। यह बात कभी आधिकारिक तौर पर नहीं कही गई, लेकिन सभी नेता, दिल्ली के सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि ऐसा हुआ था। 16 जून को बघेल सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद सिंहदेव समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनवाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया। दिल्ली में भी हाईकमान को ढाई-ढाई साल के फार्मूले की याद दिलाई जाने लगी। इस दौरान दिल्ली में नेताओं के दौरे बढ़ गए।

राहुल गांधी ने भी छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ टीएस व बघेल से मीटिंग की, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन पर कोई निर्णय नहीं हो सका। 25 अगस्त से फिर सरगर्मी बढ़ी। पता नहीं क्या चर्चा हुई कि प्रदेश से 50 से अधिक विधायक हाईकमान के सामने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में शक्ति प्रदर्शन करने दिल्ली पहुंच गए। इनमें से कुछ लोगों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के समर्थन में पूनिया जी के द्वारा बुलाए जाने पर वहां आए हैं। 27 अगस्त को राहुल गांधी ने एक बार फिर टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल को मिलने बुलाया। 4 घंटे बैठक के बाद बाहर निकले सूत्रों का कहना है वहां भी इस बात को राहुल गांधी ने कहा कमिटमेंट का पालन करते हुए स्तिफा देने को कह दिया है। पीएल पुनिया ने कहा छत्तीसगढ़ में सीएम बदलने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है , पुनिया के इस ब्यान से हाईकमान नाराज होकर उन्हें फिर हाल छत्तीसगढ़ से दूर रहने को कहा गया है , उनसे नाराज़ होने का दूसरा कारण यह भी है की उन्होंने ही विधायकों को दिल्ली बुलाया था जिसकी पूरी जानकारी हाईकमान को हो गई है। इन सब चीजों के बीच दिल्ली से वापसी में टी एस सिंहदेव ने कहा था की एक ही चीज स्थायी है, वह है परिवर्तन। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह बहुत ही जल्द होने जा रहा है कभी भी किसी भी समय आपको पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ में भी सुनाई पड सकता